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Japan Population Decline: जापान में 2024 में जन्म दर 6.86 लाख रही, जो 1899 से सबसे कम है. प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने इसे ‘मौन आपातकाल’ कहा. शादी से दूरी, नौकरी की अनिश्चितता और लैंगिक भेदभाव मुख्य कारण हैं.

हाइलाइट्स
- जापान में जन्म दर 1899 के बाद सबसे कम स्तर पर पहुंची
- महिलाएं शादी से दूर, नौकरी की अनिश्चितता और लैंगिक भेदभाव मुख्य कारण
- जापान की जनसंख्या 2070 तक 87 मिलियन हो सकती है, 40% से अधिक बुजुर्ग होंगे
टोक्यो: जापान में बच्चों की किलकारी अब दुर्लभ होती जा रही है. 2024 में देश में पैदा हुए नवजात शिशुओं की संख्या महज 6.86 लाख रही — जो 1899 से अब तक का सबसे निचला स्तर है. ये आंकड़े जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को जारी किए. जन्म दर में 5.7% की गिरावट आई है और लगातार 16वें साल इसमें गिरावट दर्ज हुई है. यह गिरती जन्म दर जापान जैसे विकसित देश के लिए किसी ‘मौन आपातकाल’ (Silent Emergency) से कम नहीं, जैसा कि प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने खुद कहा है.
महिलाएं शादी से पीछे हट रहीं
गिरती जनसंख्या, बढ़ती उम्र
2024 में जापान का फर्टिलिटी रेट (प्रजनन दर) गिरकर 1.15 पर पहुंच गया. यानी औसतन एक महिला अपने जीवनकाल में सिर्फ 1.15 बच्चों को जन्म दे रही है. यह आंकड़ा देश की आबादी में गिरावट का स्पष्ट संकेत है. 124 मिलियन की मौजूदा जनसंख्या 2070 तक 87 मिलियन हो सकती है, जिनमें से 40% से अधिक लोग 65 वर्ष से ऊपर होंगे.
एशिया में संकट की लहर
सिर्फ जापान ही नहीं, दक्षिण कोरिया, चीन और अब वियतनाम जैसे देशों में भी जन्म दर गिर रही है. वियतनाम ने तो इस हफ्ते दो बच्चों की सीमा तय करने वाला दशकों पुराना कानून भी हटा दिया है, ताकि गिरती जनसंख्या पर रोक लगाई जा सके.

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें
योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें