Making kids do cleaning in summer camp, uproar in Kota government school due to viral video

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Bilaspur School Viral Video: बिलासपुर जिले के कोटा क्षेत्र के एक स्कूल का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जहां उनसे परिसर में झाड़ू पोछा लगवाया जा रहा. ऐसे में समर कैंप की मूल भावना पर ही सवाल खड़ा कर दिया है.

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समर कैंप में बच्चों से सफाई कराना, कोटा के सरकारी स्कूल में वायरल वीडियो से हड़क

हाइलाइट्स

  • बिलासपुर स्कूल में बच्चों से झाड़ू-पोंछा करवाया गया
  • समर कैंप की भावना पर सवाल, वीडियो वायरल
  • बाल अधिकारों का उल्लंघन, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने बच्चों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से राज्यभर के स्कूलों में समर कैंप की शुरुआत की है, जहां छात्रों को खेल, कला, संगीत, और रचनात्मक गतिविधियों के ज़रिए उनके कौशल को निखारने का मौका दिया जा रहा है. लेकिन बिलासपुर जिले के कोटा क्षेत्र के एक स्कूल से जो तस्वीर सामने आई है, उसने समर कैंप की मूल भावना पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. एक वीडियो में छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल में झाड़ू-पोंछा करते देखा गया है, जिससे प्रशासन की संवेदनशीलता और ज़मीनी हकीकत दोनों उजागर होती है.

समर कैंप में बच्चों से कराया जा रहा साफ-सफाई

कोटा ब्लॉक के कोइलारी प्राथमिक शाला से यह मामला सामने आया है, जहां समर कैंप के दौरान बच्चों को झाड़ू-पोंछा करते हुए देखा गया. यह दृश्य अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और लोगों में नाराज़गी फैला रहा है. जबकि शासन द्वारा प्रत्येक स्कूल में सफाई कर्मी की नियुक्ति की गई है, फिर भी बच्चों से श्रम कराना प्रशासन की बड़ी लापरवाही को दर्शाता है.

प्रधान पाठक ने स्वीपर की गैरहाजिरी को बताया वजह

विद्यालय के प्रधान पाठक राम सिंह वर्मा ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि समर कैंप के चलते बच्चों को विशेष रूप से घरों से बुलाया जा रहा है. उस दिन सफाई कर्मी समय पर नहीं पहुंचा, इसलिए मजबूरन बच्चों से साफ-सफाई कराई गई. उन्होंने आश्वस्त किया कि सफाई कर्मियों को निर्देशित किया जाएगा कि वे समय पर ड्यूटी पर पहुंचे.

प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल

इस घटना से यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर जिम्मेदार अधिकारी इस तरह की लापरवाहियों पर क्यों चुप हैं? बच्चों को मनोरंजन और कौशल विकास के लिए बुलाया जा रहा है, लेकिन उनसे शारीरिक श्रम करवाना क्या उनके अधिकारों का हनन नहीं है? शासन की मंशा और ज़मीनी अमल में बड़ा अंतर साफ दिखाई दे रहा है.

बाल अधिकारों का उल्लंघन, जिम्मेदारों पर हो सख्त कार्रवाई

बच्चों से स्कूल में झाड़ू-पोंछा करवाना न केवल अनैतिक है बल्कि बाल अधिकारों का भी उल्लंघन है. इस मामले में सिर्फ सफाईकर्मी ही नहीं, बल्कि स्कूल प्रशासन और संबंधित विभाग के अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होनी चाहिए. ज़रूरत इस बात की है कि शासन इस घटना को गंभीरता से ले और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे. DEO ऑफिस में मौजूद नहीं थे, लोकल 18 की टीम ने जिला शिक्षा अधिकारी को कॉल किया लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया.

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CG School Viral Video: समर कैंप या मजाक, सरकारी स्कूल में पोछा लगा रहे बच्चे

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