Mysterious village frozen in time: टाइनहम: 28 दिन में वीरान हुआ इंग्लैंड का भूतिया गांव

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Mysterious village frozen in time: कई बार कुछ जगहें ऐसी होती हैं, जहां पहुंचते ही आपको कुछ अजीब सा महसूस होने लगता है. वहां कुछ ऐसी यादें होती हैं, जिनका आप हिस्सा नहीं भी होते हैं लेकिन उसके बारे में सोचकर ही …और पढ़ें

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1943 के बाद इस गांव में कोई रहने नहीं आया. (AI Generated)

हाइलाइट्स

  • टाइनहम गांव 82 साल से वीरान है.
  • दूसरे विश्व युद्ध में गांव खाली कराया गया.
  • गांव के कुछ हिस्से अब संग्रहालय हैं.

कहते हैं युद्ध अपने साथ बड़ी त्रासदी लेकर आता है. लोग इसे सिर्फ हार या जीत से आंकते हैं, लेकिन ये अपने पीछे जो कुछ छोड़ जाता है, वो सालों तक लोगों के दिल में टीस बनकर रह जाता है. इसी टीस को बयां करता है टाइनहम नाम का एक गांव, जो सिर्फ 28 दिन में आबाद और गुलजार जगह से किसी बंजर और वीरान भूतिया गांव में तब्दील हो गया. आज लोग इस जगह पर सिर्फ ये महसूस करने जाते हैं कि वहां मौजूद पुरानी छतें और टूटते घर कैसे आज भी इंतज़ार कर रहे हैं अपने मालिकों का.

कई बार कुछ जगहें ऐसी होती हैं, जहां पहुंचते ही आपको कुछ अजीब सा महसूस होने लगता है. वहां कुछ ऐसी यादें होती हैं, जिनका आप हिस्सा नहीं भी होते हैं लेकिन उसके बारे में सोचकर ही सिहरन हो जाती है. कुछ ऐसी ही यादें इंग्लैंड के एक छोटे से गांव से जुड़ी हैं, जो 82 साल से भूतिया बना हुआ है. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ये गांव खाली कराया गया था और तब से ये कभी आबाद नहीं हुआ.

28 दिन में खाली हो गया पूरा गांव

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन के डॉर्सेट काउंटी में स्थित टाइनहम गांव को एक सैन्य प्रशिक्षण क्षेत्र बनाने के लिए खाली कराया गया था. गांव के निवासियों को 1943 में 28 दिन का नोटिस दिया गया था. उन्हें आश्वासन दिया गया था कि युद्ध के बाद वे वापस लौट सकेंगे लेकिन युद्ध समाप्त होने के बाद भी, उन्हें कभी भी अपने घरों में वापस लौटने की अनुमति नहीं मिली.

नहीं लौट पाए अपने घरों में

गांव के निवासियों ने कई बार सरकार से अपने घरों में लौटने की अनुमति मांगी, लेकिन हर बार उनकी मांगों को नकारा कर दिया गया. आखिरकार 1947 में, ब्रिटिश सेना ने गांव और उसके आसपास की ज़मीन को स्थायी रूप से अपने कब्जे में ले लिया. गांव के निवासियों ने एक नोट छोड़ा था, जिसमें लिखा था – ‘हमने अपने घरों को छोड़ दिया है ताकि युद्ध में मदद कर सकें. हम एक दिन वापस आएंगे और धन्यवाद कहेंगे.’

समय में कहीं गुम होकर बना ‘भूतिया गांव’

अब टाइनहम एक भूतिया गांव के रूप में जाना जाता है, जो समय में कहीं बस गया. गांव के कुछ हिस्से, जैसे स्कूल और चर्च, अब संग्रहालयों के रूप में संरक्षित हैं, जो उस समय की याद दिलाते हैं. यह गांव अब भी ब्रिटिश सेना के नियंत्रण में है, और आमतौर पर कुछ विशेष दिनों में ही जनता के लिए खोला जाता है. टाइनहम गांव की कहानी युद्ध के समय की एक अनकही दास्तान है, जो हमें याद दिलाती है कि युद्ध केवल लड़ाई नहीं, बल्कि लोगों के जीवन, उनके घरों और उनकी यादों को भी छीन लेता है.

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Prateeti Pandey

News18 में Offbeat डेस्क पर कार्यरत हैं. इससे पहले Zee Media Ltd. में डिजिटल के साथ टीवी पत्रकारिता भी अनुभव रहा है. डिजिटल वीडियो के लेखन और प्रोडक्शन की भी जानकारी . टीवी पत्रकारिता के दौरान कला-साहित्य के सा…और पढ़ें

News18 में Offbeat डेस्क पर कार्यरत हैं. इससे पहले Zee Media Ltd. में डिजिटल के साथ टीवी पत्रकारिता भी अनुभव रहा है. डिजिटल वीडियो के लेखन और प्रोडक्शन की भी जानकारी . टीवी पत्रकारिता के दौरान कला-साहित्य के सा… और पढ़ें

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