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World News in Hindi: न्यूजीलैंड की सांसद लॉरा मैक्ल्योर ने संसद में अपनी डीपफेक न्यूड तस्वीर दिखाकर डिजिटल शोषण के खिलाफ सख्त कानून की मांग की. उन्होंने “डीपफेक डिजिटल हार्म एंड एक्सप्लॉइटेशन बिल” प्रस्तावित क…और पढ़ें

न्यूजीलैंड की सांसद ने बोल्ड कदम उठाया. (File Photo)
हाइलाइट्स
- न्यूजीलैंड की सांसद लॉरा मैक्ल्योर ने संसद में डीपफेक न्यूड तस्वीर दिखाई.
- लॉरा ने डीपफेक के खिलाफ सख्त कानून की मांग की.
- डीपफेक तकनीक के खतरों को उजागर करने के लिए लॉरा का साहसिक कदम.
नई दिल्ली. न्यूजीलैंड की संसद में पिछले महीने एक ऐसी घटना हुई, जो अब दुनिया में सुर्खियां बटोर रही है. 14 मई 2025 को न्यूजीलैंड की एक्ट पार्टी की सांसद लॉरा मैक्ल्योर ने अपनी एक न्यूड यानी नग्न पिक्चर लेकर संसद में पहुंची. वो यह तस्वीर हर किसी को दिखाने लगी. दावा किया गया कि यह पिक्चर एआई की मदद से बनाई गई है, जिसकी मदद से उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है. इस पूरी कवायद का मकसद डीपफेक तकनीक के दुरुपयोग और इसके खतरों को उजागर करना था.
लॉरा ने इस खतरे के बारे में दुनिया को बताने के लिए “डीपफेक डिजिटल हार्म एंड एक्सप्लॉइटेशन बिल” प्रस्तावित किया, जो गैर-सहमति यौन सामग्री वाले डीपफेक्स को अपराध घोषित करने का लक्ष्य रखता है. उन्होंने स्वीकार किया कि तस्वीर दिखाने का निर्णय उनके लिए “बेहद डरावना” था, लेकिन यह कदम जरूरी था ताकि डीपफेक के विनाशकारी प्रभावों पर ध्यान आकर्षित हो. लॉरा जिस तस्वीर को संसद में लेकर आई थी, भले ही वो डीपफेक थी, लेकिन वो इसे ब्लर यानी धुंधली करके लाई थी. सोशल मीडिया पर इस घटना की काफी चर्चा हो रही है.
न्यूजीलैंड की सांसद लॉरा जिस बिल को लेकर आई थी उसे सरकार का समर्थन नहीं मिला है. उनका कहना है कि न्यूजीलैंड को अन्य देशों की तरह डीपफेक के खिलाफ कानून बनाने की जरूरत है. यह घटना न केवल डीपफेक तकनीक के जोखिमों को उजागर करती है बल्कि डिजिटल युग में निजता और सुरक्षा के लिए नीतिगत बदलाव की आवश्यकता को भी बताती है. लॉरा का यह कदम न्यूजीलैंड और विश्व स्तर पर डीपफेक के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें