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Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने प्रदेश के तीन गांवों को गोद लेने का बड़ा फैसला किया है. इनमें बेमेतरा का टेमरी, गरियाबंद का मड़वा डीह और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई का सोनपुरी गांव शामिल हैं. रा…और पढ़ें

छत्तीसगढ़ के गवर्नर ने 3 गांवों को गोद लिया है.
हाइलाइट्स
- राज्यपाल रमेन डेका ने तीन गांवों को गोद लिया.
- जल संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
- राज्यपाल स्वयं विकास कार्यों की निगरानी करेंगे.
रायपुर. छत्तीसगढ़ के बेमेतरा, गरियाबंद और नवगठित खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिलों के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है. प्रदेश के राज्यपाल श्री रमेन डेका ने इन तीनों जिलों से एक-एक गांव को गोद लेने का बड़ा फैसला किया है. इस अभूतपूर्व पहल से बेमेतरा के टेमरी, गरियाबंद के मड़वा डीह और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के सोनपुरी गांव के हालात पूरी तरह बदल जाएंगे और यहां तेजी से विकास की बयार बहेगी. राज्यपाल की इस दूरगामी सोच ने ग्रामीण विकास की नई उम्मीद जगाई है.
इस पहल का मुख्य उद्देश्य इन चयनित गांवों में समावेशी (सबको साथ लेकर चलने वाला) और मानव-केंद्रित विकास सुनिश्चित करना है. राज्यपाल डेका ने संकल्प लिया है कि इन गांवों में ऐसा विकास होगा, जो सीधे-सीधे यहां के लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाएगा और उन्हें सशक्त करेगा. यह कोई कागजी कार्रवाई नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर बड़े बदलाव लाने का ब्लू प्रिंट है.
किन बातों पर रहेगा खास जोर?
राजभवन से मिली जानकारी के मुताबिक, गोद लिए गए इन गांवों में कई अहम क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसमें सबसे ऊपर है जल संरक्षण, यानी पानी बचाने और उसके सही इस्तेमाल के तरीके अपनाना. इसके साथ ही हरित आवरण बढ़ाने पर भी काम होगा, जिससे गांव और भी हरे-भरे दिखें. बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा और सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य और पोषण की सुविधाएँ भी सुधारी जाएंगी. गांव वालों के लिए कमाई के नए रास्ते (आजीविका) पैदा करने और उन्हें सामाजिक सुरक्षा देने पर भी फोकस रहेगा. अंत में, खेती-किसानी को आधुनिक तरीकों से मजबूत करने का काम भी जोरों पर होगा.
राज्यपाल की सीधी निगरानी में होगा काम
यह सिर्फ एक घोषणा नहीं है, बल्कि एक प्रतिबद्धता है. राजभवन ने स्पष्ट किया है कि राज्यपाल श्री रमेन डेका खुद इन गोद लिए गए गांवों में चल रहे विकास कार्यों की लगातार निगरानी और समीक्षा करेंगे. वह समय-समय पर इन गांवों का दौरा करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि योजनाएं सही तरीके से जमीन पर उतरें और उनका पूरा फायदा गांव के हर एक व्यक्ति तक पहुंचे. यह सीधी निगरानी विकास की गति को और तेज करेगी और किसी भी तरह की ढिलाई पर अंकुश लगाएगी.
पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक विकास मॉडल
राज्यपाल डेका की यह पहल सिर्फ इन तीन गांवों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक विकास मॉडल बन सकती है. यह कदम गांवों को आत्मनिर्भर बनाने, पलायन रोकने और उन्हें प्रदेश की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक बड़ी छलांग साबित हो सकता है. पूरे राज्य में इस फैसले का स्वागत हो रहा है और उम्मीद है कि यह दूसरे अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को भी ऐसे ही कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में टेमरी, मड़वा डीह और सोनपुरी की तस्वीर कितनी तेजी से और किस तरह बदलती है.