तुर्की के पाकिस्तान समर्थक रुख और भारत विरोधी बयानों के बाद देश में तुर्की से आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग तेजी से उठ रही हैं. खासकर हिमाचल के सेब उत्पादक और राजस्थान के मार्बल व्यापारी लगातार यह सवाल उठा रहे हैं कि जब तुर्की खुलेआम पाकिस्तान का साथ दे रहा है, तो भारत उससे व्यापारिक रिश्ते क्यों बनाए रखे हुए है?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से बताया गया कि, ‘हमें तुर्की से आयात रोकने की कई मांगें मिली हैं, हिमाचल के सेब उत्पादकों ने भी इसके लिए अपील की है. लेकिन हमें अपने निर्यातकों के हित भी ध्यान में रखने हैं. व्यापार पर रोक एक मजबूत भू-राजनीतिक संदेश जरूर हो सकता है, लेकिन सवाल यह है कि आप इसे कितनी दूर तक ले जाना चाहते हैं.’
भारत से क्या-क्या सामान मंगाता है तुर्की?
वहीं, तुर्की से भारत का आयात कुल 2.99 अरब डॉलर रहा, जिसमें से 270.83 मिलियन डॉलर का सोना और करीब 107 मिलियन डॉलर के फल और मेवे शामिल थे. फल और मेवे, खासकर सेब, के आयात में पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 10% की वृद्धि हुई है.
टर्किश कंपनियों पर सरकार की सख्ती
इस बीच, भारत सरकार ने सुरक्षा के मोर्चे पर तुर्की की कंपनियों पर सख्ती भी शुरू कर दी है. हाल ही में, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने तुर्की की कंपनी सेलेबी एविएशन की भारतीय इकाई की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी. हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने 26 मई को मुंबई एयरपोर्ट प्रबंधन को टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी है, जब तक कि सेलेबी की याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं होती.
इसलिए सरकार एक संतुलित नीति अपना रही है- जहां राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में कड़ाई दिखाई जा रही है, वहीं आर्थिक हितों को देखते हुए व्यापारिक मोर्चे पर कदम फूंक-फूंककर रखे जा रहे हैं.