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Vladimir Putin conditions To Stop War: डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के प्रयास में हैं, लेकिन पुतिन ने नाटो विस्तार रोकने और प्रतिबंधों में ढील की शर्तें रखी हैं. ट्रंप के लिए ये शर्तें मानना मुश्किल है…और पढ़ें

पुतिन ने युद्ध रोकने के लिए दो शर्त रखी हैं. (AFP)
हाइलाइट्स
- पुतिन ने युद्ध रोकने के लिए दो शर्तें रखीं.
- ट्रंप के लिए पुतिन की शर्तें मानना मुश्किल.
- नाटो विस्तार रोकने और प्रतिबंधों में ढील की मांग.
नई दिल्ली. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध को रुकवाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. सत्ता में आने के बाद से वो कभी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात कर रहे हैं तो कभी यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को मनाने में लगे हैं. हाल ही में तुर्की में रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल के बीच चर्चा भी हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. अब यह खबर सामने आ रही है कि पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को रोकने के लिए ट्रंप के सामने दो शर्तें रख दी हैं. उनकी पहली तो ट्रंप शायद मान भी जाएं लेकिन अगर दूसरी शर्त मानी तो खुद ट्रंप के लिए लेने के देने पड़ सकते हैं. रूस की एक शर्त यह है कि उनपर लगे लगे प्रतिबंधों को हटा दिया जाए। रूस के राष्ट्रपति की दूसरी शर्त है कि नाटो के पूर्वी विस्तार को रोकने पर ट्रंप लिखित गारंटी दें.
रूस की तीन रूसी सूत्रों के अनुसार, ये मांग शांति वार्ता के लिए महत्वपूर्ण हैं. दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप युद्ध को जल्द खत्म करने का वादा कर चुके हैं. वो पुतिन की शर्तों को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं. क्या ट्रंप पुतिन की शर्तों को स्वीकार करेंगे? यह सवाल वैश्विक कूटनीति और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है. नाटो विस्तार पर रोक रूस की लंबे समय से चली आ रही चिंता को दर्शाती है. पुतिन का मानना है कि नाटो का यूक्रेन या अन्य पूर्वी देशों में विस्तार रूस की सुरक्षा के लिए खतरा है. 2014 में क्रीमिया के विलय और 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस नाटो को अपनी सीमाओं के पास खतरे के रूप में देखता है.
रूसी अर्थव्यवस्था को फिर खड़ा करना चाहते हैं पुतिन
पुतिन की दूसरी शर्त प्रतिबंधों में ढील है. रूस की आर्थिक साल 2022 में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से ही लगातार बिगड़ती चली आ रही है. पश्चिमी देशों ने रूस पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंधों लगाए हैं. जिसके कारण रूस का दुनिया भर के देशों से सीधा व्यापार कर पाना भी काफी मुश्किल हो गया है. ट्रंप के लिए इन शर्तों को स्वीकार करना आसान नहीं होगा. ट्रंप ने अपने अभियान में युद्ध को 24 घंटे में खत्म करने का दावा किया था, लेकिन वास्तविकता जटिल है. अप्रैल 2025 में, ट्रंप ने यूक्रेन को एक ऐसे शांति प्रस्ताव को स्वीकार करने का दबाव बनाया, जिसमें वर्तमान युद्ध रेखाओं को स्थिर करना और यूक्रेन का नाटो में शामिल न होना शामिल था, जिसे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने खारिज कर दिया. ट्रंप ने पुतिन को “उदार” बताया, लेकिन पुतिन की अडिग शर्तों ने उनकी कूटनीति को चुनौती दी है.
यूरोप के देश भी ट्रंप से हैं नाराज
यूरोपीय सहयोगी, जैसे फ्रांस और जर्मनी, ट्रंप के रूस के प्रति नरम रवैये की आलोचना करते हैं. वे मानते हैं कि नाटो विस्तार पर रोक और प्रतिबंधों में ढील रूस को और आक्रामक बना सकती है. दूसरी ओर, ट्रंप की “द आर्ट ऑफ द डील” शैली उन्हें पुतिन के साथ सौदेबाजी में प्रेरित कर सकती है, लेकिन यूक्रेन की संप्रभुता और यूरोप की सुरक्षा को कमजोर करने का जोखिम है. पुतिन की शर्तें रूस के साम्राज्यवादी लक्ष्यों को दर्शाती हैं, जबकि ट्रंप का दबाव यूक्रेन पर अधिक है. यदि ट्रंप इन शर्तों को मान लेते हैं, तो यह न केवल यूक्रेन के लिए, बल्कि वैश्विक सुरक्षा व्यवस्था के लिए दीर्घकालिक परिणाम ला सकता है. शांति की राह में, ट्रंप को कठोर कूटनीति और यूरोपीय सहयोगियों के साथ तालमेल बिठाना होगा.

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें