राहुल गांधी ने कहा कि एक MMS थे मनमोहन सिंह, जिनके नेतृत्व में यूपीए ने मनरेगा दिया, जिससे करोड़ों गरीबों को रोजगार, सम्मान मिला। और दूसरा MMS है- Modi Monitoring System, जो गरीब मजदूरों और बहनों से उनका मेहनताना तक छीन रहा है। ये शोषण नहीं, ये अपमान है।


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को गया जिले के कंडी नवादा में आयोजित ‘महिला संवाद कार्यक्रम’ के दौरान विभिन्न क्षेत्र की महिलाओं से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक MMS थे- डॉ. मनमोहन सिंह, जिनके नेतृत्व में यूपीए ने मनरेगा दिया, जिससे करोड़ों गरीबों को रोज़गार और सम्मान मिला। और दूसरा MMS है- Modi Monitoring System, जो गरीब मज़दूरों और बहनों से उनका मेहनताना तक छीन रहा है। ये सिर्फ़ शोषण नहीं, ये अपमान है। हम ‘माई-बहिन मान योजना’ से बिहार की हर बहन को हर महीने ₹2,500 की मदद देंगे- ताकि वो सम्मान से जी सकें, और स्वाभिमान के साथ बढ़ सकें।
महिला संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि समाज की असली रीढ़ महिलाएं हैं, लेकिन उन्हें देश के सिस्टम में अपेक्षित भागीदारी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि यह बदले, महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ें और उन्हें पूरा हक मिले। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सोच है कि महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए।
राहुल गांधी ने कहा कि इसी सोच के तहत कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया है कि बिहार की गरीब महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये सीधे उनके बैंक खातों में दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे महिलाएं अपने परिवार की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर पाएंगी। उन्होंने कहा कि हमारी न्याय योजना में भी यही सोच थी कि हर साल महिलाओं के खाते में पैसा दिया जाए। लेकिन अब हम साफ तौर पर कह रहे हैं कि कांग्रेस सरकार बनने पर हर महीने ढाई हजार रुपये मिलेंगे।
महिला संवाद में राहुल गांधी ने आर्थिक असमानता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक तरफ देश में आम लोग हैं, जो बच्चों की पढ़ाई, इलाज, महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अडानी-अंबानी जैसे उद्योगपतियों के हजारों करोड़ के कर्ज माफ हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश में दो भारत बनते जा रहे हैं। एक अमीरों का और दूसरा गरीबों का। हम ऐसा भारत नहीं चाहते हैं। हम ऐसा देश चाहते हैं जिसमें सबको समान अवसर मिले।
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस निजीकरण के खिलाफ है और वह चाहती है कि सरकारी स्कूलों और अस्पतालों को बेहतर बनाया जाए ताकि गरीब तबके के लोग भी अच्छी शिक्षा और इलाज पा सकें। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सोच दूरदर्शी होती है, वे केवल आज नहीं, बल्कि आने वाले कल की सोचती हैं। इसलिए देश की नीतियों में महिलाओं की भागीदारी बहुत जरूरी है।