छात्र नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस द्वारा 2016 में संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए अपने बेटे के मामले में सीबीआई की ओर से दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी गई थी। उन्होंने अपने बेटे के मामले की फिर से जांच की मांग की थी।


जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले में सीबीआई की ओर से दाखिल क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ याचिका पर दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट का फैसला टल गया है। अब इस मामले में 30 जून को अदालत अपना फैसला सुनाएगी। छात्र नजीब अहमद की मां ने संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने के मामले में एक याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई की तारीख आगे बढ़ा दी है।
दरअसल, छात्र नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस द्वारा 2016 में संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए अपने बेटे के मामले में सीबीआई की ओर से दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी गई थी। उन्होंने अपने बेटे के मामले की फिर से जांच की मांग की थी। सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा था कि वह नजीब का पता लगाने में असमर्थ है और उसके लापता होने में एबीवीपी कार्यकर्ताओं की संलिप्तता का कोई सबूत नहीं है।
नजीब के लापता होने के मामले में आरोप लगाया गया था कि 14 अक्टूबर 2016 को जेएनयू के एक छात्रावास में नजीब अहमद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों के बीच झगड़ा हुआ था। उसके बाद से ही वह लापता हो गया। नजीब के गायब होने के मामले में छात्र संगठनों और कई मानवाधिकार संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बाद मामले को सीबीआई को सौंपा गया था।
नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के माही-मांडवी छात्रावास से लापता हो गया था। उस समय उसकी उम्र 27 वर्ष थी। इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा की गई थी, लेकिन वह भी नजीब अहमद का कोई पता नहीं लगा पाई। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उसका पता लगाने में विफल रहने के बाद मामला बंद कर दिया था और क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। इसी के खिलाफ नजीब की मां ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।