मॉस्को. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को हुए तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्लादिमीर पुतिन और वोलोडिमीर जेलेंस्की में लगातार बातचीत कराने की कोशिश की, लेकिन सब नाकाम हो गया है. ये समझ नहीं आ रहा कि रू-यूक्रेन जंग किस दिशा में जा रही है और इसका अंत कब और कैसे होगा?
तो, पुतिन यूक्रेन में वास्तव में क्या हासिल करने की योजना बना रहे हैं? रूसी पक्ष को भारी नुकसान के बावजूद, वह इस युद्ध को किस हद तक आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं?
वरिष्ठ यूक्रेनी सरकारी अधिकारियों के अनुसार, रूस नीप्रो नदी के पूर्व में यूक्रेन के पूरे हिस्से पर कब्ज़ा करना चाहता है. यूक्रेनी राष्ट्रपति कार्यालय के उप प्रमुख कर्नल पावलो पालिसा ने 5 जून को संवाददाताओं को बताया कि रूस संभवतः 1 सितंबर, 2025 तक डोनेट्स्क और लुहांस्क ओब्लास्ट की पूरी सीमा पर कब्ज़ा करना चाहता है, और 2025 के अंत तक उत्तरी यूक्रेनी-रूसी सीमा पर एक बफर ज़ोन बनाना चाहता है.
हाल ही में वॉशिंगटन में यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान पत्रकारों के साथ साझा की गई यूक्रेनी सैन्य खुफिया जानकारी से संकेत मिलता है कि 2026 में, रूस नीप्रो नदी (Dnipro River) के पूर्व में यूक्रेन के पूरे हिस्से पर कब्ज़ा करना चाहता है, जो देश को दो भागों में विभाजित करती है. इसके अतिरिक्त, यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी कि रूस ओडेसा और मायकोलाइव के दक्षिणी यूक्रेनी क्षेत्रों पर कब्ज़ा करने की योजना बना रहा है, जो यूक्रेन को काला सागर से काट देगा, जिससे कीव समुद्र तक अपनी पहुंच के लिए मॉस्को पर निर्भर हो जाएगा.
मानचित्र से पता चलता है कि रूस ज़ापोरिज़िया और निप्रोपेट्रोव्स्क ओब्लास्ट में अपनी स्थिति का लाभ उठाने की कोशिश करेगा ताकि सैनिकों को आगे बढ़ाया जा सके और 1 सितंबर, 2025 से पहले डोनेट्स्क और लुहान्स्क ओब्लास्ट के शेष क्षेत्र पर कब्ज़ा किया जा सके. दक्षिण में, रूस यूक्रेन की काला सागर तक पहुँच को काटने के लिए मायकोलाइव और ओडेसा ओब्लास्ट पर कब्ज़ा करना चाहता है. यदि यह जानकारी सही है, तो इसका मतलब है कि रूस ने यूक्रेन के दक्षिणी हिस्से पर कब्ज़ा करने के साथ-साथ निप्रो नदी के पूर्व में पूरे यूक्रेन पर कब्ज़ा करने के अपने शुरुआती युद्ध के उद्देश्यों से थोड़ा भी पीछे नहीं हटे हैं.