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Guru Ghasidas Tiger Reserve: बैकुंठपुर के गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व में बाघिन ने 2 शावकों को जन्म दिया है. सोनहत रेंजर अजीत सिंह ने ग्रामीणों से जानकारी मिलने पर मौके का निरीक्षण किया, लेकिन बाघिन और शावक नहीं …और पढ़ें

गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व में बाघिन ने शावकों को दिया जन्म.
हाइलाइट्स
- गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व से आई अच्छी खबर
- बाघिन ने 2 शावकों को दिया जन्म
- सोनहत रेंजर ने किया निरीक्षण
सुजीत शाह
बैकुंठपुर. छत्तीसगढ़ के बैकुंठपुर के गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व इलाके में बाघ शावक के रूप में 2 नन्हे मेहमान आए है. बाघिन ने नेशनल पार्क और सोनहत रेंज के बॉर्डर पर भलुआर के जंगल में 2 शावकों को जन्म दिया है. सूचना पर सोनहत रेंजर अजीत सिंह ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंच गए थे. लेकिन तब बाघिन दोनों शावकों को लेकर कहीं और चली गई थी. चौंकाने वाली बात यह है कि गुरु घासीदास पार्क के पार्क परिक्षेत्राधिकारी सोनहत और कार्यालय को इस बात की कोई खबर नहीं है. पार्क एरिया कोरिया के सोनहत विकासखण्ड से सटा हुआ है. 5 किमी आगे जाने के बाद मेंड़्रा जंगल से पार्क एरिया शुरू हो जाता है.
वन आमले को जानकारी शुक्रवार को भलुवार इलाके के रहने वाले एक ग्रामीण और संदीप सिंह के जरिए से मिली. ग्रामीण की नजर भलुवार में अपने खेत से घर जाते वक्त अचानक शावकों पर पड़ी तो उसने उसकी तस्वीर ली, लेकिन डर से किसी को नहीं बताया.
नहीं मिले बाघिन और उसके शावक
जानकारी मिलने पर फारेस्ट सोनहत रेंज के परिक्षेत्राधिकारी अजीत सिंह तत्काल अपनी टीम के साथ मौके के लिए रवाना हुए और बताए गए जगह पर पहुंचे. हालांकि मौके पर शावक और बाघिन नहीं मिले और बारिश के कारण पंजों के निशान भी मिट गए थे. उन्होंने आस-पास के गांव के ग्रामीणों को भी बुलाकर बातचीत की. ग्रामीणों ने भी शावकों के साथ बाघिन को देखे जाने की पुष्टि की. वन परिक्षेत्राधिकारी अजीत सिंह ने ग्रामीणों को जंगल से दूरी बना कर रखने और उस जगह के आस-पास नहीं जाने को कहा है.
राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में जाने की संभावना
संबंधित स्थल से नेशनल पार्क का एरिया महज 100 मीटर दूर है तो माना जा रहा है कि बाघिन ने राष्ट्रीय उद्यान इलाके में चली गई होगी. लंबे समय से राष्ट्रीय उद्यान में सिर्फ अनियमतता की खबरे आ रही थी. इससे पहले 2 बाघों के मारे जाने की खबर भी आई थी, लेकिन अब इस खुशखबरी से विभाग और पूरे इलाके में खुशी की लहर है.
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मालूम हो कि पिछले साल नवंबर में छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तैमोर पिंगला अभ्यारण को मिलाकर गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व बनाया गया है. इस रिजर्व का कोर क्षेत्र 2,049 वर्ग किलोमीटर और बफर क्षेत्र 780 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो इसे देश का 56वां देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाता है. पहले गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान का नाम संजय राष्ट्रीय उद्यान था, जो कि मध्य प्रदेश के विभाजन के बाद अपने स्वतंत्र अस्तित्व में आया और अब इसे टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया है.
Preeti George is lead content writer at hindi.news18.com having experience of more than 5 years in digital media. After completing her masters from Kushabhau Thakre Journalism university, she worked in various …और पढ़ें
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