Surguja News: सरगुजा में एक टॉयलेट में दो सीट, जानें कैसे हुआ ये अजब-गजब निर्माण?

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Surguja News: रवि कोरवा और कुंती कोरवा आज भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं. शायद उन्हें यह एडवांस्ड टेक्नोलॉजी समझ नहीं आ रही है.

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एक टॉयलेट में दो सीट लगा दी.

सरगुजा. छत्तीसगढ़ के सरगुजा में टेक्नोलॉजी का चमत्कार देखने को मिला है. एक शौचालय में दो सीट लगा दी गईं लेकिन फिर भी लोग खुले में शौच को मजबूर हैं. दरअसल आपने एक शौचालय में एक सीट देखी होगी लेकिन लखनपुर के बेलदगी के आश्रित ग्राम अलगा बेंदोपानी में अधिकारी और ठेकेदार ने कमाल कर दिया है. इस अनोखी टेक्नोलॉजी वाले शौचालय की खासियत यह है कि इसमें एक साथ दो लोग शौच कर सकते हैं. जी हां, आपने सही पढ़ा, एक ही शौचालय के अंदर दो टॉयलेट सीट अगल-बगल लगाई गई हैं. शायद ठेकेदार और अधिकारियों का यह मानना था कि इससे समय की बचत होगी और लोग एक-दूसरे को देखकर ‘स्वच्छता’ की प्रेरणा लेंगे. इस अद्भुत निर्माण में मात्र ₹24,000 का खर्च आया है, जो बताता है कि कम लागत में ‘अधिकतम नवाचार’ कैसे किया जा सकता है.

इस मॉडर्न आर्ट के नमूने को देखकर क्षेत्र में इसकी खूब चर्चा हो रही है लेकिन इसका उपयोग हितग्राही नहीं कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन को जिस तरह से अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर पलीता लगाया है, वह अपने आप में एक शोध का विषय है. रवि और कुंती कोरवा आज भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं क्योंकि शायद उन्हें यह एडवांस्ड टेक्नोलॉजी समझ नहीं आ रही है. अब सवाल यह उठता है कि क्या यह नई टेक्नोलॉजी हमारे देश को स्वच्छता की ओर ले जाएगी या फिर ऐसे हास्यास्पद निर्माणों से स्वच्छ भारत मिशन बस हंसी का पात्र बनकर रह जाएगा. ऐसा जान पड़ता है कि ठेकेदार और अधिकारियों ने मिलकर स्वच्छता की परिभाषा को ही बदल दिया है. अब स्वच्छ भारत का मतलब सिर्फ इमारत बनाना है, इस्तेमाल करना नहीं.

नोटिस जारी कर मांगा जवाब
जिला पंचायत सीईओ को जानकारी लगी तो ब्लॉक कोऑर्डिनेटर और सचिव को नोटिस जारी कर दिया गया. दरअसल लखनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत बेलदगी के आश्रित ग्राम अलगा में स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत शौचालय का निर्माण किया गया लेकिन शौचालय ऐसा बना कि हर कोई देखकर चौंक गया. जहां एक शौचालय में दो सीट लगाकर ब्लॉक स्तर के अधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई है, वहीं इस गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कई शौचालय का निर्माण किया गया है लेकिन मॉनिटरिंग नहीं होने की वजह से सभी शौचालय आधे अधूरे भी है, तो कहीं नई टेक्नोलॉजी का प्रयोग भी कर लिया गया है. इस बात की जानकारी जिला पंचायत सीईओ को लगी, तो तत्काल ब्लॉक कोऑर्डिनेटर और ग्राम पंचायत के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. बहरहाल इस तरह की लापरवाही से जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

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