लगाई नकली दाढ़ी, बदली बोली, फिर वीडियो कॉल पर कर डाली करोड़ों डील, फिल्मी स्टाइल में पहुंची पुलिस और…


चेन्नई: अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस कई बार ऐसे जाल बिछाती है कि अपराधी खुद-ब-खुद आ फंसते हैं. ऐसा ही एक मामला चेन्नई में सामने आया, जहां पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के लिए ऐसी फिल्मी प्लानिंग की कि अपराधी भी धोखा खा गए और खुद जाल में फंस गए. चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है.

इस पूरे ऑपरेशन की शुरुआत तब हुई जब पुलिस को लगातार खबरें मिल रही थीं कि आंध्र प्रदेश से बड़ी मात्रा में गांजा चेन्नई में सप्लाई हो रहा ह.। लेकिन पुलिस ने इस बार कुछ अलग  किया रास्ते में पकड़ने के बजाय सीधे सप्लाई चैन को ही तोड़ने का फैसला लिया.

नकली दाढ़ी, बदली हुई बोली, रफ-टफ पहनावा
पुलिस के एक जवान को तैयार किया गया. नकली दाढ़ी, बदली हुई बोली, रफ-टफ पहनावा और खौफनाक नाम- मदुरै पांडी. ये नाम यूं ही नहीं चुना गया था. दक्षिण भारत के आपराधिक हलकों में ‘मदुरै पांडी’ का नाम बम धमाकों और हत्याओं के लिए बदनाम है. पुलिसवाले ने खुद को उसी गैंगस्टर के रूप में पेश किया, जिसके नाम से लोग कांपते हैं. सबसे पहले उसने 10,000 रुपये में गांजा खरीदा. फिर 20,000 रुपये की दूसरी डील कर डाली और धीरे-धीरे उसने तस्करों का विश्वास जीत लिया और उन्हें यकीन हो गया कि उनके साथ कोई बड़ा खेल नहीं खेला जा रहा, जबकि असल में पूरा खेल वही था.

वीडियो कॉल पर करोड़ों की डील
गैंग के एक सदस्य ने ‘पांडी’ को अपने नेटवर्क के असली बॉस बंडारू नागेश्वर राव से वीडियो कॉल पर मिलवाया. जवान ने अपने दो साथी पुलिसकर्मियों को गुर्गों के तौर पर खड़ा किया, सामने नकली कैश से भरा बैग रखा और कहा, ‘चेन्नई में बड़ा कारोबार जमाना है. ₹20 लाख की गांजे की डील चाहिए, ₹7 लाख एडवांस दूंगा.’ राव लालच में आ गया. उसने हामी भर दी  बस यही उसकी सबसे बड़ी गलती थी.

फिल्मी स्टाइल में गिरफ्तारी
राव, उसके दो साथी, गजपति और दिनेश और एक महिला साथी रेवती गांजे की बड़ी खेप लेकर चेन्नई रवाना हो गए. ऑटो और दो बाइकों में 108 किलो गांजा छुपाया गया. वे सोच रहे थे कि चेन्नई में उन्हें नया क्लाइंट और बड़ा बाजार मिल गया है. लेकिन असल में वो जा रहे थे सीधे गिरफ्तारी की ओर. इंस्पेक्टर थिरुमल के नेतृत्व में एक टीम तैयार थी. हेड कांस्टेबल सरवन कुमार, प्रदीप, सिपाही पुरुषोत्तमन और करुपैया. उन्होंने वेपरी के जनरल कॉलिन्स रोड पर तस्करों को ट्रैक किया और घेराबंदी की. तस्कर चौंक गए, शुरू में उन्होंने खुद को निर्दोष बताया, लेकिन जब वाहनों की तलाशी ली गई तो गांजे की दो गठानें निकल आईं. फिर तो सवाल-जवाब, सच्चाई का उगलवाना और आखिरकार महिला आरोपी रेवती की गिरफ्तारी भी हो गई.

चारों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है. इंस्पेक्टर थिरुमल का कहना है कि ‘हमने सिर्फ तस्करों को नहीं पकड़ा, बल्कि उनके नेटवर्क की नस पकड़ ली. ‘मदुरै पांडी’ बनकर हमारे जवान ने जिस बहादुरी से काम किया, वो आने वाले समय के लिए एक मिसाल है.’



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *