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सीनेटर जोश हॉले ने दावा किया कि जो बाइडेन व्हाइट हाउस में अपने कमरे में खो जाते थे. सीक्रेट सर्विस एजेंट ने यह जानकारी दी. बाइडेन की मानसिक स्थिति पर जांच चल रही है.

जो बाइडेन व्हाइट हाउस के कमरे में गुम हो जाते थे.(Image:PTI)
हाइलाइट्स
- सीनेटर हॉले ने बाइडेन की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए.
- बाइडेन के कमरे में गुम हो जाने का दावा सीक्रेट सर्विस एजेंट ने किया.
- बाइडेन की सेहत की जानकारी छुपाने की जांच चल रही है.
वाशिंगटन. अमेरिका के सीनेटर जोश हॉले ने हाल ही में एक चौंकाने वाला दावा किया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने कार्यकाल के दौरान कभी-कभी व्हाइट हाउस में अपनी ही कमरे में गुम हो जाया करते थे. उन्होंने यह बात फॉक्स न्यूज से बातचीत में कही. हॉले ने बताया कि ये जानकारी उन्हें एक सीक्रेट सर्विस एजेंट ने दी, जो सीधे बाइडेन की सुरक्षा में तैनात था.
सीनेटर हॉले के इस बयान ने एक बार फिर जो बाइडेन की मानसिक स्थिति और उनके फैसलों में सक्रिय भूमिका को लेकर चल रही जांच को हवा दे दी है. हालांकि, बाइडेन के करीबी सहयोगी इन सभी आरोपों को खारिज करते हैं. वो कहते हैं कि बाइडेन पूरी तरह सक्षम थे और उन्होंने अहम फैसले खुद लिए. सीनेटर हॉले ने कहा कि ‘एक सीक्रेट सर्विस एजेंट ने मुझे बताया कि बाइडेन व्हाइट हाउस में सुबह उठकर अपनी कमरे से बाहर नहीं निकल पाते थे यानी अमेरिका के राष्ट्रपति खुद अपने कमरे में खो जाया करते थे ये बहुत गंभीर और चौंकाने वाली बात है. हमें इस बारे में गलत जानकारी दी गई थी.’
बाइडेन की सेहत की जानकारी छुपाई गई
इस मामले की जांच अमेरिकी कांग्रेस की ओवरसाइट कमेटी के चेयरमैन जेम्स कोमर कर रहे हैं. वह यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या राष्ट्रपति ऑफिस में बाइडेन की गैर-हाजिरी में उनके नाम से ऑटोपेन (एक इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर उपकरण) के जरिए सरकारी आदेशों और सामूहिक माफी पर दस्तखत किए गए. कोमर ने व्हाइट हाउस के डॉक्टर केविन ओ’कॉनर की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि बाइडेन की सेहत से जुड़ी जानकारी जनता से छुपाई गई हो सकती है.
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बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर
इस महीने की शुरुआत में 82 साल के जो बाइडेन ने खुलासा किया था कि वह आक्रामक प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे हैं. इसके बाद ये अटकलें तेज हो गईं कि कहीं ये बीमारी उनके राष्ट्रपति रहते हुए ही तो नहीं शुरू हो गई थी, लेकिन उसे छुपा लिया गया था.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें
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