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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच विदेशी छात्रों के नामांकन पर विवाद बढ़ा है. ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड को 30 दिन का नोटिस दिया है.

हार्वर्ड की साख को धक्का पहुंचाने में जुटे ट्रंप.
हाइलाइट्स
- ट्रंप और हार्वर्ड के बीच विदेशी छात्रों पर विवाद बढ़ा.
- हार्वर्ड को 30 दिन का नोटिस, जवाब न देने पर सर्टिफिकेशन रद्द.
- हार्वर्ड ने अदालत में ट्रंप प्रशासन के कदम को चुनौती दी.
वॉशिंगटन/नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच तनातनी अब खुलकर सामने आ गई है. विदेशी छात्रों के नामांकन पर रोक से शुरू हुआ विवाद अब अदालती लड़ाई, फंडिंग फ्रीज़ और सिलेबस कंट्रोल जैसे गंभीर मोर्चों तक पहुंच चुका है. ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड को 30 दिन का नोटिस देकर चेतावनी दी है कि अगर जवाब नहीं मिला, तो उसकी विदेशी छात्रों को पढ़ाने की पात्रता समाप्त कर दी जाएगी.
क्या है पूरा मामला?
ट्रंप प्रशासन ने 22 मई 2025 को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की SEVP (Student and Exchange Visitor Program) सर्टिफिकेशन रद्द करने की घोषणा कर दी थी. यह सर्टिफिकेशन अमेरिका में विदेशी छात्रों को पढ़ाने की अनुमति देता है. इसके बाद हार्वर्ड ने बोस्टन की एक संघीय अदालत में याचिका दाखिल कर दी. यूनिवर्सिटी का आरोप है कि ट्रंप प्रशासन ने यह कदम राजनीतिक दबाव में लिया, क्योंकि हार्वर्ड ने व्हाइट हाउस की कुछ नीतियों का विरोध किया था.
कोर्ट में हार्वर्ड की दलीलें क्या हैं?
हार्वर्ड के वकीलों ने अदालत में कहा कि SEVP सर्टिफिकेशन को बिना किसी उचित कारण और नोटिस के खत्म कर देना फेडरल नियमों का उल्लंघन है. नियमों के अनुसार, सरकार को पहले नोटिस देना होता है. उचित सुनवाई और सफाई का मौका देना होता है. उन्होंने इसे “संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई” करार दिया है.
व्हाइट हाउस का पलटवार
हालांकि, बढ़ते दबाव को देखते हुए ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकता है. इसके बावजूद, डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने आधिकारिक नोटिस भेजा है और 30 दिनों में जवाब मांगा है. ट्रंप की मांग है कि हार्वर्ड में विदेशी छात्रों की संख्या 15% से अधिक नहीं होनी चाहिए. यूनिवर्सिटी को सभी विदेशी छात्रों की पूरी सूची सरकार को सौंपनी होगी.
मामला सिर्फ छात्रों तक सीमित नहीं है
हार्वर्ड केवल छात्रों का मामला नहीं लड़ रही, बल्कि संस्थागत स्वतंत्रता और शैक्षणिक स्वायत्तता की लड़ाई भी है. ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड के खिलाफ कई कदम उठाए हैं. 2.6 बिलियन डॉलर की फेडरल रिसर्च फंडिंग फ्रीज कर दी गई है. यूनिवर्सिटी के सभी बचे हुए सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. मांग की जा रही है कि सरकार को सिलेबस और नीति निर्धारण में हस्तक्षेप का अधिकार मिले.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group…और पढ़ें
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