कीव. 1 जून को रूस पर यूक्रेन के ड्रोन हमले में 40 से ज़्यादा विमान नष्ट हो गए, जो फरवरी 2022 में संघर्ष शुरू होने के बाद से रूसी क्षेत्र में सबसे बड़ा हमला है. यह हमला दोनों देशों के प्रतिनिधियों के इस्तांबुल में शांति वार्ता के लिए मिलने से ठीक एक दिन पहले किया गया था. एक वीडियो मेसेज में, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि “ऑपरेशन स्पाइडर वेब” की योजना 18 महीनों में बनाई गई थी, और उन्होंने 117 ड्रोन की मदद से केवल मिलिट्री फैसिलिटी को निशाना बनाया. कई स्रोतों ने कहा है कि यूक्रेन ने हमले के लिए फ़र्स्ट-पर्सन व्यू (एफपीवी) ड्रोन का इस्तेमाल किया था.
एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, FPV ड्रोन को पहले रूस में तस्करी करके लाया गया, जहां उन्हें “मोबाइल लकड़ी के घरों” में रखा गया. उन्हें घरों की छतों के नीचे छिपाया गया था, जिन्हें दूर से खोला गया था, और फिर ड्रोन अपने लक्ष्यों को हिट करने के लिए उड़ गए. रूसी रक्षा मंत्रालय ने देश के सुदूर पूर्व सहित पांच स्थानों पर हमलों की पुष्टि की, जो यूक्रेन से 4,000 किलोमीटर से अधिक दूर हैं.
एफपीवी ड्रोन क्या हैं?
फ़र्स्ट-पर्सन व्यू का मतलब है कि ड्रोन चलाने वाला व्यक्ति ड्रोन के शरीर पर लगे कैमरे के माध्यम से देख सकता है कि ड्रोन क्या देख रहा है. लाइव वीडियो को विशेष चश्मे या स्मार्टफोन और अन्य प्रकार की स्क्रीन के माध्यम से देखा जा सकता है, और ड्रोन को दूर से ऑपरेट किया जा सकता है. ऐसे ड्रोन का उपयोग फिल्म बनाने और अन्य गैर-रक्षा मकसद में भी किया जाता है.
आखिर यूक्रेन द्वारा उपयोग किए गए FPV ड्रोन में ऐसी क्या खासियत है, जिससे इसने रूसी सेना को चकमा देते हुए उसके पांच एयरबेस पर मौजूद बॉम्बर्स को तबाह कर दिया.
हाई स्पीड और सटीकता: ये ड्रोन 100 किमी/घंटा से अधिक की गति से उड़ान भर सकते हैं और उच्च सटीकता के साथ लक्ष्यों को भेद सकते हैं.
कम लागत: इन ड्रोन की औसत लागत $300–$500 के बीच होती है, जो उन्हें बड़े पैमाने पर उत्पादन और उपयोग के लिए उपयुक्त बनाती है.
लो-लेवल उड़ान क्षमता: ये ड्रोन 15 मीटर की ऊंचाई से उड़ान भर सकते हैं, जिससे वे रडार से बच सकते हैं और दुश्मन की निगरानी से बच सकते हैं.
FPV ड्रोन के मुख्य स्पेसिफिकेशन
यह HD कैमरे (720p या 1080p) और कम लेटेंसी (Latency < 40ms) से लैस होता है.
यह 5 से 15 किलोमीटर तक (ट्रांसमिशन सिस्टम पर निर्भर) की रेंज (दूरी) पर निशाना साध सकता है.
यह 10 से 20 मिनट तक उड़ना भर सकता है. हालांकि, यह बहुत हद तक बैटरी पर निर्भर होता है.
इसकी स्पीड 80 से 160 किमी/घंटा (रेसिंग/हमला ड्रोन के लिए)
इसमें 4S या 6S LiPo बैटरी (1300–1800 mAh) होती है.
इसका वजन 250 ग्राम से लेकर 2 किलोग्राम तक हो सकता है.
इस ड्रोन में 4-6 इंच (Quadcopters में), कभी-कभी 7+ इंच का प्रोपेलर भी होता है.
यह पूरी तरह से कार्बन फाइबर का होता है.
इसमें GPS के कई मॉडल लगाए जा सकते हैं, खासकर लॉन्ग-रेंज मिशनों के लिए.
वायरलेस सिस्टम: 5.8 GHz वीडियो ट्रांसमिशन, 2.4 GHz या 915 MHz कंट्रोल लिंक
विस्फोटक क्षमता: कुछ मिलिट्री उपयोग वाले FPV ड्रोन में 0.5–2 किग्रा तक विस्फोटक लगाया जा सकता है.
यूक्रेन ने FPV ड्रोन का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के हमलों के लिए किया है, जैसे कि Mi-28 हेलीकॉप्टर पर हमला, टैंक और बख्तरबंद वाहनों पर हमले, और रसद आपूर्ति लाइनों को बाधित करना. इन ड्रोन हमलों ने यह साफ कर दिया है कि आधुनिक युद्ध में ड्रोन की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है, और यह पारंपरिक सैन्य रणनीतियों को चुनौती दे रहा है.