यूक्रेन ऑपरेशन स्पाइडर वेब: रूस को 117 FPV ड्रोन से 7 बिलियन डॉलर का नुकसान

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RUSSIA UKRAINE WAR: रूस और यूक्रेन की जंग लगातार जारी है. जंग अब और भी घातक रूप लेती नजर आ रही है. यूक्रेन की खुफिया एजेंसी के ऑपरेशन स्पाइडर वेब की चर्चा सभी जगह है. यूक्रेन का दावा है कि महज 500 से 600 डॉलर क…और पढ़ें

यूक्रेन की खुफिया एजेंसी ने रूस को दी गहरी चोट, FPV ड्रोन ने मचाया गदर

यूक्रेन ने रूस को दी बड़ी चोट

हाइलाइट्स

  • यूक्रेन का दावा FPV ड्रोन ने रूस को 7 बिलियन डॉलर का नुकसान पहुंचाया.
  • यूक्रेन ने सीरिया में असद सरकार को गिराने में मदद की.
  • यूक्रेन के FPV ड्रोन ने HTS के लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया.

RUSSIA UKRAINE WAR: यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ऑपरेशन स्पाइडर वेब की सफलता पर कहा कि अमेरिका और यूरोप के पास बेहतर हथियार और मजबूत टेक्टिकल सॉल्यूशन हैं. रूस पर हमला करने के लिए यूक्रेन की स्पेशल फोर्स डेढ़ साल से लगातार काम कर रही थी. स्पेशल कार्गो कंटेनर बनाए गए, लकड़ी के बक्सों में ड्रोन छिपाए गए. 5000 किलोमीटर की दूरी तक एयरबेस के पास रूसी ट्रक ड्राइवरों के जरिए पहुंचाए गए. कंटेनर की छत को रिमोट से हटाया गया और फिर एक के बाद एक अटैक किए गए. इतनी सफाई से ऑपरेशन स्पाइडर वेब को अंजाम देने के बाद यूक्रेन की खुफिया एजेंसी SBU ने दुनिया में अपनी ताकत साबित कर दी. यूक्रेन ने दावा किया है कि सिर्फ 500 से 600 डॉलर कीमत के 117 FPV ड्रोन ने 7 बिलियन डॉलर का नुकसान रूस को पहुंचाया. एक साल में दूसरी बार है जब यूक्रेन की खुफिया एजेंसी ने रूस को तगड़ा झटका दिया है.

यूक्रेन की खुफिया एजेंसी ने असद को सत्ता से किया था आउट
सीरिया में बशर अल असद की सरकार का सबसे बड़े समर्थक देशों में रूस और ईरान थे. रूस और ईरान के बीच सामरिक साझेदारी का भी एक लंबा इतिहास है. और यूक्रेन के साथ जारी जंग में ईरान खुलकर रूस की मदद कर रहा है. यूक्रेन भी हर स्तर पर रूस को कमजोर करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा था. रूस की कमर तोड़ने का एक डेडली प्लान उसने सीरिया में बना लिया और उसमें वह सफल हो गया. HTS को उसने ट्रेनिंग और ड्रोन की मदद की कि असद का तख्ता पलट हो गया. एक साथ यूक्रेन ने अपने दो दुश्मन रूस और ईरान दोनों को एक साथ साध लिया. रूस को अपने वॉरशिप और मिलिट्री स्टेशन को सीरिया से बाहर ले जाने को मजबूर होना पड़ा था.

यूक्रेन के FPV ड्रोन ने बनाया था HTS के लिए ब्लू प्रिंट
यूक्रेन ने मिडिल ईस्ट से रूस को बाहर करने का प्लान हिज़्बुल्लाह के साथ सीजफायर के तुरंत बाद ही शुरू कर दिया था. सीरिया की सरकार को गिराने का ब्लू प्रिंट तो बहुत पहले से ही बन गया था. 8 दिसंबर को जब गोलानी की अगुवाई में सीरिया के इदलिब पर हमला किया. रिपोर्ट के मुताबिक उससे पहले ही यूक्रेन की इंटेलिजेंस एजेंसी ने अपने 20 ड्रोन ऑपरेटर और 150 फर्स्ट पर्सन व्यू (FPV) ड्रोन हयात तहरीर अल शाम के गढ़ इदलिब में भेज दिए थे. पश्चिमी मीडिया रिपोर्ट की माने तो ड्रोन के जरिए आगे बढ़ने से पहले ब्लू प्रिंट तैयार हुआ और फिर अटैक. खास बात तो ये है कि इस ड्रोन की नेविगेशन क्षमता जबरदस्त है. आकार में छोटे इस ड्रोन में लगा कैमरा पायलट को लाइव फीड भेजता रहता है. इसकी रेंज की बात करें तो ये 6 से 7 किलोमीटर तक दुश्मन के इलाके में आसानी से घुस जाता है. इस ड्रोन के जरिए विस्फोटक भी दागे जा सकते हैं.  इनका इस्तेमाल जासूसी, टार्गेट को पहचानने और डायरेक्ट स्ट्राइक के लिए किया जाता है. सीरिया में जो HTS ने ड्रोन इस्तेमाल किया उसकी पुष्टि तो रूस ने भी कई बार की.  यूक्रेन की इंटेलिजेंस एजेंसी के अधिकारियों ने इदलिब का दौरा किया था और कुछ समय वहाँ गुज़ारा भी था. फर्स्ट पर्सन व्यू ड्रोन जो कि कीमत में भी 500 डॉलर से कम का है, बेशक़ीमती सैन्य उपकरण को आसानी से हिट कर सकता है. इस ड्रोन को ऑपरेट करने के लिए किसी बड़े कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की जरूरत नहीं होती, बल्कि दुश्मन के इलाके के महज 3 से 5 किलोमीटर दूर किसी भी बंकर में बैठकर इसे ऑपरेट किया जा सकता है.

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