US Travel Ban List: डोनाल्ड ट्रंप ने 12 देशों पर ट्रैवल बैन लगाया, मिस्र को क्यों छोड़ा?

डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां सिर्फ वही समझ सकते हैं. शायद ही अमेरिका की राजनीति में कभी कोई ऐसा नेता हुआ हो, जिसकी नीतियां ऐसी रही हों कि कोई समझ ही न पाए. डोनाल्ड ट्रंप ऐसे ही नेता हैं, जिनके फैसले समझने के लिए विशेषज्ञों को भी कड़ियां जोड़नी पड़ती हैं. कुछ ऐसा ही हो रहा है ट्रंप के एक नए ऑर्डर को लेकर, जिसमें उन्होंने 12 देशों पर ट्रैवल बैन लगाया है.

सबसे पहले हम आपको उन देशों के नाम बताते हैं, जिन पर ट्रंप की सरकार ने अमेरिका में घुसने पर पाबंदी लगाई है. ये देश हैं – अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन. इतना ही नहीं 7 देशों पर कड़े प्रतिबंध भी लगे हैं, जिनमें – बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला शामिल हैं.

मिस्र पर क्यों नहीं लगाया बैन?

ट्रैवल बैन लगने वाले 12 और कड़े प्रतिबंधों वाले 7 देशों में कहीं भी मिस्र का नाम नहीं है. हालांकि सुरक्षा को लेकर ये प्रतिबंद हाल ही में हाल ही में कोलोराडो के बोल्डर शहर में एक आतंकवादी घटना के बाद लगाए हैं. आपको बता दें कि इस घटना में आरोपी के तौर पर मिस्र के रहने वाले मोहम्मद सबरी सोलिमान की गिरफ्तारी हुई है. अब सवाल ये उठता है कि अमेरिका ने मिस्र पर यात्रा प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया? जबकि घटना का आरोपी तो मिस्र का रहे वाला है.

क्या था पूरा मामला?

दरअसल 1 जून को कोलोराडो के बोल्डर में आयोजित एक इजरायल समर्थक प्रदर्शन में मोहम्मद सबरी सोलिमान ने मोलोटोव कॉकटेल से हमला किया. इस हमले में 15 लोग जख्मी हुए. सोलिमान ने फ्री फलस्तीन का नारा लगाते हुए यह हमला किया. वह 2022 में टूरिस्ट वीजा पर अमेरिका आया था और 2023 में शरणार्थी आवेदन किया था. घटना के बाद उसकी पत्नी और पांच बच्चों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उन्हें निर्वासन से अस्थायी राहत मिली है.

मिस्र को ट्रंप ने क्यों छोड़ दिया?

ये सवाल जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही उलझा हुआ इसका जवाब. स्पष्ट तौर पर कहें तो कोई जान ही नहीं सकता कि ट्रंप ने ऐसा क्यों किया? इस बेसिरपैर फैसले की कोई व्याख्या नहीं की जा सकती. वैसे दोनों देशों के संबंधों की बात करें तो मिस्र को अमेरिका से सालाना $1.3 बिलियन की सैन्य सहायता प्राप्त होती है, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है. मध्य पूर्व में आतंकवाद विरोधी अभियानों में मिस्र अमेरिका का सहयोगी रहा है. शायद इस सहयोग को देखते हुए, अमेरिका ने मिस्र के खिलाफ कठोर कदम उठाने से बचा है. वजह जो भी हो, लेकिन अब ये पहेली बना हुआ है कि ट्रंप जिस घटना का हवाला देकर यात्रा प्रतिबंध लगा रहे हैं, उस घटना के आरोपी की नागरिकता को भूल गए.

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