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Korba News: कोरबा जिले के ग्राम पंचायत पंडरीपानी के आश्रित गांव में हैंडपंप खराब होने के कारण पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.बीते कई सालों से ग्रामीण ढोडी का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं, जिससे उनके स्व…और पढ़ें

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हाइलाइट्स
- ग्रामीणों को गंदा पानी पीने की मजबूरी.
- हैंडपंप खराब, जल संकट से स्वास्थ्य पर असर.
- प्रशासन से जल्द समाधान की मांग.
कोरबा. भीषण गर्मी के चलते कोरबा जिले के ग्राम पंचायत पंडरीपानी के आश्रित ग्राम में पानी की किल्लत गहरा गई है. ग्रामीणों को मजबूरन खेत के कच्चे ढोडी का मटमैला पानी पीना पड़ रहा है, जिससे जल जनित रोगों का खतरा मंडरा रहा है. गांव में व्याप्त जल संकट ने ग्रामीणों का जीवन दूभर कर दिया है.
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में हैंडपंप खराब होने के कारण उन्हें पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.बीते कई सालों से ग्रामीण ढोडी का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. प्रदूषित पानी पीने से ग्रामीणों में पेट दर्द, उल्टी, दस्त जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.
ग्रामीणों ने सरपंच और सचिव से कई बार शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे उनकी समस्या और भी बढ़ जाती है. खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को पानी लाने में काफी परेशानी हो रही है.
स्थानीय निवासियों का कहना है कि गांव में मूलभूत सुविधाओं की कमी है. पीने के पानी की समस्या के साथ-साथ सड़क, बिजली और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं भी पर्याप्त नहीं हैं.पीएम आवास योजना के तहत भी कई लोगों को लाभ नहीं मिल पाया है.
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक प्रशासन उनकी समस्या का समाधान नहीं करता, तब तक उन्हें मजबूरन ढोडी का मटमैला पानी पीना पड़ेगा, जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द गांव में पीने के पानी की व्यवस्था करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने की मांग की है.
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पीने के पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही, उन्होंने गांव में मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने और पीएम आवास योजना और राशन कार्ड जैसी योजनाओं का लाभ सभी पात्र लोगों तक पहुंचाने की अपील की है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.