दीपिका पादुकोण के ‘8 घंटे शिफ्ट’ डिमांड पर बढ़ा विवाद, तो राणा दग्गुबाती बोले, ‘कोई मजबूर नहीं कर रहा…’


Last Updated:

राणा दग्गुबाती ने दीपिका पादुकोण के ‘स्पिरिट’ विवाद पर बात करते हुए कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में काम के घंटे अलग-अलग होते हैं और यह निजी पसंद होती है, न कि कोई मजबूरी.

दीपिका पादुकोण के '8 घंटे शिफ्ट' विवाद पर राणा दग्गुबाती का आया बयान

दीपिका के ‘स्पिरिट’ छोड़ने पर संदीप रेड्डी वांगा ने नाराजगी जताई थी.

हाइलाइट्स

  • दीपिका ने 8 घंटे की शिफ्ट की मांग ठुकराई.
  • राणा दग्गुबाती ने कहा, कोई मजबूर नहीं करता.
  • वर्किंग ऑवर पर फिल्म इंडस्ट्री में बहस छिड़ी.

नई दिल्ली: दीपिका पादुकोण फिल्म ‘स्पिरिट’ से क्या बाहर हुईं, ‘एनिमल’ डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा संग उनके मतभेद ने विवाद का रूप ले लिया. इससे भारतीय सिनेमा में वर्किंग ऑवर और कॉन्ट्रैक्ट की अपेक्षाओं पर बहस छेड़ दी है. दीपिका पादुकोण ने कथित तौर पर 8 घंटे की शिफ्ट और मुनाफे में साझेदारी की डिमांड ठुकराने की वजह से प्रभास-स्टारर फिल्म ठुकराई है. इस पर लोगों की राय अलग-अलग है. संदीप रेड्डी वांगा ने एक्ट्रेस पर निशाना साधते हुए कई क्रिप्टिक पोस्ट किए हैं. एक्टर राणा दग्गुबाती ने इस मुद्दे पर एक संतुलित राय जाहिर की है.

राणा ने लल्लनटॉप से बात करते हुए फिल्म इंडस्ट्री में वर्किंग ऑवर पर अपना नजरिया पेश किया. उन्होंने इसमें देश की सामाजिक-आर्थिक सच्चाई को आधार बनाया. वे बोले, ‘हमें समझना चाहिए कि भारत एक विकासशील देश है. हम एक विकसित देश नहीं हैं. हमारी अर्थव्यवस्था प्रति व्यक्ति आय के मामले में दुनिया में शायद 186वें स्थान पर है. एक ऐसे देश में जहां 1.8 अरब लोग हैं और उनमें से 70-80 प्रतिशत लोग 100 रुपये प्रति दिन कमाते हैं. जब हम चीजों को इस नजरिये से देखते हैं, तो हमें एहसास होता है कि हमने बहुत कुछ हासिल करना है.’

फिल्म इंडस्ट्री के ‘वर्क कल्चर’ पर की बात
राणा के लिए ‘वर्क कल्चर’ सिर्फ प्रोफेशनल नहीं है, यह पर्सनल भी है. वे बोलते हैं, ‘मैं एक ऐसी इंडस्ट्री से ताल्लुक रखता हूं जो मद्रास से है. यह परिवारों का एक समूह था और सैकड़ों अन्य लोग थे जिन्होंने अपने बैग पैक किए और दूसरे शहर में नई शुरुआत की. इसलिए मेरे लिए यह काम नहीं है—यह एक लाइफस्टाइल है.’ उन्होंने आगे जोर दिया कि काम की शर्तें लोकल फिल्म इंडस्ट्रीज और यहां तक कि निजी प्रोजेक्ट्स में अलग-अलग होती हैं. जैसे महाराष्ट्र में 12 घंटे की शिफ्ट होती है. तेलुगु में 8 घंटे की होती है, लेकिन जबकि महाराष्ट्र में सुबह 9 बजे शुरू होता है, तेलुगु में सुबह 7 बजे शुरू होता है. अगर आप लोकेशन पर हैं या स्टूडियो में हैं, अगर आप सेट पर शूटिंग कर रहे हैं—यह सब समीकरण पर असर डालता है. यह कभी भी सामान्य नहीं होता.’

‘कोई मजबूर नहीं करता’
जब राणा से पूछा गया कि क्या सेट पर एक्टर्स को अधिक काम करने या लंबे समय तक रुकने के लिए मजबूर किया जाता है, तो वे बोले, ‘कोई किसी को मजबूर नहीं कर रहा है. यह एक नौकरी है. जैसे कोई आपको एक विशेष शो करने के लिए मजबूर नहीं करता. यह हमेशा एक विकल्प होता है. हर कोई अपने जीवन में क्या अहम है, इसका निर्णय करता है. ऐसे एक्टर्स हैं जो केवल 4 घंटे के लिए शूट करते हैं. यह उनका सिस्टम है.’

authorimg

Abhishek Nagar

अभिषेक नागर News 18 Digital में Senior Sub Editor के पद पर काम कर रहे हैं. वे News 18 Digital की एंटरटेनमेंट टीम का हिस्सा हैं. वे बीते 6 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. वे News 18 Digital से पहल…और पढ़ें

अभिषेक नागर News 18 Digital में Senior Sub Editor के पद पर काम कर रहे हैं. वे News 18 Digital की एंटरटेनमेंट टीम का हिस्सा हैं. वे बीते 6 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. वे News 18 Digital से पहल… और पढ़ें

homeentertainment

दीपिका पादुकोण के ‘8 घंटे शिफ्ट’ विवाद पर राणा दग्गुबाती का आया बयान



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *