क्या खत्म हो जाएगा गरीब बच्चों का सपना? हाईटेक कैरियर कोचिंग सेंटर पर छाया संकट, यहां जानें कारण

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Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के सीतापुर में गरीब बच्चों के लिए शुरू हुआ सरकारी करियर कोचिंग सेंटर छह सालों से सफलतापूर्वक चल रहा है. यहां से हर साल कई बच्चे सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय व प्रयास स्कूल में चयनित होत…और पढ़ें

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सरकारी कोचिंग सेंटर पर मंडराया खतरा 

हाइलाइट्स

  • सरकारी करियर कोचिंग सेंटर पर संकट मंडरा रहा है.
  • शिक्षकों के अतिशेष में रखे जाने से कोचिंग सेंटर प्रभावित होगा.
  • गरीब बच्चों के भविष्य के लिए परिजनों ने सरकार से गुहार लगाई.

अम्बिकापुर. छत्तीसगढ़ में गरीब तपके के बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार ने 6 साल पहले सरकारी करियर कोचिंग केंद्र खोला, जहां बच्चों को निशुल्क कोचिंग सरकारी शिक्षकों के द्वारा दिया जाता है और हर वर्ष इस कोचिंग सेंटर से बच्चे सैनिक स्कूल नवोदय विद्यालय प्रयास स्कूल और एकलव्य विधालय में चयनित होकर क्षेत्र सहित कोचिंग सेंटर का मान बढ़ाते हैं. वहीं पिछले साल की अगर बात करें, तो एक बच्चा पूरे सरगुजा जिले में टॉप कर सीतापुर क्षेत्र का नाम रोशन किया था और सैनिक स्कूल में चयनित हुआ है. खास बात इस कोचिंग सेंटर कि जहां ऐसे बच्चे दाखिला लेते हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं. कोचिंग के लिए फीस नहीं दे सकते हैं. ऐसे ग्रामीण गरीब तपके के बच्चों के लिए यह सरकारी कोचिंग सेंटर एक रामबाण औषधि है, लेकिन अब इस कैरियर कोचिंग सेंटर पर खतरा मंडराने लगा है.

ऐसा हम नहीं बल्कि गरीब तपके के बच्चों के परिजनों का कहना है. परिजनों के मुताबिक हाल ही में सरकार के द्वारा युक्तियुक्तकारण किया गया है, जिसमें सरकारी कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले सरकारी शिक्षकों को भी अतिशेष में रखा गया है. ऐसे में उन शिक्षकों का यहां से दूसरे ब्लॉक या दूसरे इलाके में चले जाना गरीब बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय है. क्योंकि यहां गरीब तपके के बच्चे निशुल्क कोचिंग का सेवा ले रहे हैं. ऐसे में अगर कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले शिक्षकों को अतिशेस से मुक्त नहीं किया गया है, तो यह निशुल्क सरकारी कोचिंग सेंटर प्रभावित होगा और धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा. ऐसे में परिजनों ने सरकार सहित जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि कोचिंग सेंटर में जिन शिक्षकों को अतिशेस किया गया है. उनको युक्तियुक्तकरण से मुक्त रखा जाए, ताकि ग़रीब तपके के बच्चों का भविष्य संवार सके.

ऐसे में लोकल 18 कि टीम ने बच्चों के परिजनों से बातचीत किया, तो उन्होंने बताया कि सरगुजा जिले के सीतापुर में सरकारी कैरियर कोचिंग सेंटर विगत छः सालों से संचालित है और यहां ग्रामीण इलाकों के बच्चे जों प्राइवेट कोचिंग सेंटर में दाखिल नहीं ले सकते हैं. ऐसे में ग़रीब तपके के बच्चों के लिए यह सरकारी कोचिंग सेंटर एक बेहतर विकल्प था, जिससे कोचिंग करके बच्चे सैनिक स्कूल नवदैय विधालय प्रयास स्कूल सहित एकलव्य में पढ़ाई कर अपना भविष्य बना सकते हैं. ओवर ओल अगर कोचिंग सेंटर की परफॉर्मेंस की बात करें, तो हर साल नवदेय विद्यालय, जहां एंटरेंस एग्जाम के तहत बच्चों का दाखिला होता है. नवदेय विद्यालय प्रयास स्कूल सहित अन्य दो बड़े संस्था वाले विधालय में प्रवेश के लिए एग्जाम क्वालीफाई करना होता है, जिसमें हर साल आधा से अधिक बच्चे कैरियर कोचिंग सेंटर सीतापुर से चयनित होते, तो ऐसे में शिक्षक केवल चार हैं. उनमें दो शिक्षकों को अतिशेस किया गया है, जिसका प्रभाव अब कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाला है.

वहीं नवदेय विद्यालय में पढ़ाई करने वाली कैरियर कोचिंग सेंटर कि पूर्व छात्रा आरधा गुप्ता ने बताया कि यहां कैरियर कोचिंग सेंटर से कोचिंग लेकर नवदेय विद्यालय में पढ़ाई कर रही है. कोचिंग सेंटर में बेहतर पढ़ाई होता, जैसे बड़े कोचिंग सेंटर, जहां फीस देकर बच्चे पढ़ाई करते है ठीक उसी तरह का पढ़ाई सीतापुर में सरकारी कैरियर कोचिंग सेंटर में होता है. अगर शिक्षकों को यहां से हटा दिया गया, तो आने वाले समय में कोचिंग सेंटर प्रभावित होगा.

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Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Producer for Local 18 at News18, bringing over one years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology.He has worked as…और पढ़ें

Anuj Singh serves as a Content Producer for Local 18 at News18, bringing over one years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology.He has worked as… और पढ़ें

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क्या खत्म हो जाएगा गरीब बच्चों का सपना? हाईटेक कैरियर कोचिंग सेंटर पर संकट

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