With self-study and 12 hours of hard work, Tushar Tekchandani of Raipur created history of success, he made his mark in JEE Advanced

Last Updated:

JEE Advanced 2025 Result: रायपुर के तुषार ने कड़ी मेहनत से जेई एडवांस में सफलता प्राप्त की है. वह बताते हैं कि उन्होंने रोजाना औसतन 12 घंटे पढ़ाई की, जिसमें कोचिंग और सेल्फ स्टडी दोनों शामिल थीं.  उनकी रणनीति …और पढ़ें

X

तुषार

तुषार

हाइलाइट्स

  • JEE Advance परीक्षा में मिली 21000वीं रैक
  • कोचिंग के शिक्षक को देते हैं सफलता का श्रेय
  • रोजाना करते थे 12 घंटे की पढ़ाई

रायपुर : राजधानी के अमलीडीह क्षेत्र के रहने वाले तुषार टेकचंदानी ने JEE एडवांस 2025 में 21000वीं रैंक हासिल कर न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे इलाके का नाम रोशन किया है. उनकी यह सफलता उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो तकनीकी शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करना चाहते हैं. सीमित संसाधनों और बाहरी आकर्षणों से दूर रहकर उन्होंने यह दिखा दिया कि मेहनत और लगन के साथ किया गया हर प्रयास एक दिन ज़रूर रंग लाता है. आइए जानते हैं तुषार की सफलता की कहानी

तुषार के पिता रवि टेकचंदानी एक मेडिकल स्टोर्स का संचालन करते हैं और मां पूजा टेकचंदानी गृहिणी हैं. एक साधारण परिवार से आने वाले तुषार ने कभी भी पढ़ाई में कोई कोताही नहीं बरती. टीवी, मोबाइल और सोशल मीडिया जैसी चीज़ों से उन्होंने खुद को पूरी तरह दूर रखा और अपना पूरा ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित किया.

तुषार बताते हैं कि उन्होंने रोजाना औसतन 12 घंटे पढ़ाई की, जिसमें कोचिंग और सेल्फ स्टडी दोनों शामिल थीं.  उनकी रणनीति स्पष्ट थी हर विषय की बुनियादी समझ को मजबूत करना और नियमित प्रैक्टिस के ज़रिए आत्मविश्वास बढ़ाना. उन्हें फिजिक्स सबसे आसान विषय लगता था, जिसका श्रेय वह अपने कोचिंग टीचर RMP सर को देते हैं. उन्होंने इस विषय को इतने सरल और दिलचस्प तरीके से पढ़ाया कि तुषार को उसमें कभी कठिनाई महसूस नहीं हुई.

वहीं गणित तुषार को चुनौतीपूर्ण लगता था, लेकिन उन्होंने इससे हार नहीं मानी. सबसे पहले उन्होंने NCRT की किताबों से बेसिक क्लियर किए और फिर कोचिंग की डेली प्रैक्टिस पेपर्स यानी DPP के ज़रिए लगातार अभ्यास करते रहे.  उन्होंने कभी किसी सवाल को छोड़ने की बजाय उसे समझने की कोशिश की और रोज़ खुद से बेहतर बनने का लक्ष्य रखा.

तुषार का मानना है कि किसी भी परीक्षा में सफलता पाने के लिए आत्म-अनुशासन, निरंतरता और सकारात्मक सोच सबसे ज़रूरी तत्व होते हैं. वे आगे चलकर IIT दिल्ली में पढ़ाई कर अच्छा इंजीनियर बनना चाहते हैं.  उनकी यह उपलब्धि न सिर्फ छात्रों के लिए बल्कि अभिभावकों के लिए भी एक संदेश हैअगर बच्चे को सही मार्गदर्शन, माहौल और समर्थन मिले, तो वे किसी भी मुकाम को हासिल कर सकते हैं.

भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखें
homechhattisgarh

Raipur News: मोबाइल से दूरी, 12 घंटे पढ़ाई, तुषार ने ऐसे क्रैक किया JEE एडवांस

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *