World Environment Day: नागलोक कोरबा, जहां पर्यावरण की सांसें लेते हैं सांप, विषधर से विषहीन तक सब मौजूद

Korba News. विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर ये जानना दिलचस्प है कि सांप और पर्यावरण का गहरा और खास रिश्ता होता है. सांप न सिर्फ ईको सिस्टम का अहम हिस्सा हैं, बल्कि ये कीटों की संख्या को नियंत्रित करके जैव विविधता को बनाए रखने में मदद करते हैं.

छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला, जिसे “नागलोक” भी कहा जाता है, जैव विविधता से भरपूर है. यहां दुनिया के सबसे जहरीले सांपों से लेकर छोटे-छोटे बिना ज़हर वाले सांपों तक की कई दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं. इन सांपों का संरक्षण जरूरी है, ताकि प्रकृति का संतुलन बना रहे. आइए, जानें कोरबा में पाए जाने वाले कुछ खास और अनोखे सांपों के बारे में.

कोरबा का गौरव: किंग कोबरा

छत्तीसगढ़ अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवन के लिए जाना जाता है, और कोरबा जिला इसमें एक विशिष्ट स्थान रखता है. यह मध्य भारत का एकमात्र ऐसा जिला है जहां किंग कोबरा (King Cobra) पाया जाता है. लगभग 3-4 साल पहले ही कोरबा में इसकी मौजूदगी का पता चला था. किंग कोबरा को जैव विविधता के लिहाज से एक अत्यंत महत्वपूर्ण जीव माना जाता है.यह हमारी खाद्य श्रृंखला में एक “अपेक्स स्पीशीज” यानी शीर्ष शिकारी होता है. किंग कोबरा की उपस्थिति अन्य सांपों की प्रजातियों को भी नियंत्रित करती है, क्योंकि यह अन्य सांपों को भी अपना आहार बनाता है.इस प्रकार, किंग कोबरा का पर्यावरण में होना हमारी खाद्य श्रृंखला के संतुलन के लिए बेहद जरूरी है.

भारतीय नाग और उसके सहयोगी
स्पेक्टिकल कोबरा (भारतीय नाग) भारतीय उपमहाद्वीप का एक जहरीला सांप है. हालांकि इसका विष करैत जितना घातक नहीं है और यह रसेल्स वाइपर जितना आक्रामक नहीं है, फिर भी भारत में सबसे अधिक लोगों की मृत्यु इसी नाग के काटने से होती है, क्योंकि यह सभी जगह बहुतायत में पाया जाता है.यह चूहों का शिकार करता है, जिसके कारण यह अक्सर मानव बस्तियों, खेतों और शहरी इलाकों के बाहरी भागों में पाया जाता है.भारतीय नाग में सिनेप्टिक न्यूरोटॉक्सिन और कार्डिओटोक्सिन नामक घातक विष होता है.

कॉमन करैत (घोड़ा करैत) 
कॉमन करैत (घोड़ा करैत) भारतीय उपमहाद्वीप के जंगलों में पाया जाने वाला एक अत्यंत विषैला सर्प है और भारत के सबसे खतरनाक चार सर्पों में से एक है.इसे \”साइलेंट किलर\” कहा जाता है क्योंकि यह रात में अधिक सक्रिय होता है और अक्सर सोते हुए लोगों को काट लेता है.इसका जहर कोबरा से भी ज्यादा विषैला होता है.

बैंडेड करैत (अहिराज) 
बैंडेड करैत (अहिराज) जहरीले सांपों की श्रेणी में दुनिया में चौथे नंबर पर आता है. इसमें तेज न्यूरोटॉक्सिक जहर पाया जाता है, जो काटने पर हृदय और शरीर के कई अंगों को निष्क्रिय कर सकता है, जिससे मृत्यु हो सकती है. यह छोटे और बिना जहर वाले सामान्य सांपों को खाता है.इसकी पीली और काली धारियां इसे आसानी से पहचानने योग्य बनाती हैं.

बैम्बू पिट वाइपर
बैम्बू पिट वाइपर एक और आकर्षक और खतरनाक सांप है. यह हरे-भरे पेड़ों की शाखाओं और झाड़ियों में पाया जाता है, और इसका रंग पत्तियों से इतना मेल खाता है कि इसे पहचानना मुश्किल होता है. इसका जहर साइटोटोक्सिक और हेमोटॉक्सिक दोनों होता है, जो ऊतकों को क्षति पहुंचाता है और रक्त के जमने की क्षमता को कम करता है.

रसेल वाइपर
रसेल वाइपर भारत के चार सबसे विषैले सांपों में से एक है और इसे ‘एशिया का लैंड माइन’ भी कहा जाता है जो छत्तीसगढ़ में भी पाया जाता है.इसका जहर हेमोटॉक्सिक होता है, जो रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और समय पर इलाज न मिलने पर जानलेवा हो सकता है. राहत की बात यह है कि इसके दंश का इलाज संभव है, और इसके जहर का उपयोग पॉलीवेलेंट एंटी-स्नेक वेनम बनाने में किया जाता है.

जहां एक ओर कोरबा में अत्यधिक विषैले सांप पाए जाते हैं, वहीं यहां कई महत्वपूर्ण विषहीन प्रजातियां भी हैं जो पारिस्थितिकी तंत्र के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण हैं:

रैट स्नेक (धामन)
रैट स्नेक (धामन) भारतीय उपमहाद्वीप का एक गैर-विषैला सांप है.यह अपनी लंबी और पतली काया के लिए जाना जाता है, जो इसे फुर्तीला और तेज बनाता है. यह चूहों और अन्य छोटे जीवों का शिकार कर उनकी संख्या को नियंत्रित करता है, जिससे किसानों को लाभ होता है.

पायथन (अजगर) 
पायथन (अजगर) एक विशालकाय और विषहीन सांप है जो अपने शिकार को लपेटकर मारता है. यह अपने आकार और ताकत के कारण खतरनाक हो सकता है, लेकिन जहरीला नहीं होता.

सैंड बोआ
सैंड बोआ एक गैर-विषैली प्रजाति है जो अपनी मोटी पूंछ के कारण \”दो सिरों\” वाला लगता है. यह रात्रिचर होता है और अपना अधिकांश समय जमीन के नीचे बिताता है.

ट्रिंकेट
ट्रिंकेट एक विषहीन सांप है जो अपनी सुरक्षा के लिए डरावना रूप बना लेता है, जिससे दुश्मन डरकर भाग जाते हैं. यह फुंफकारते हुए जहरीले सांप करैत जैसा दिखता है.

बैंडेड रेसर 
बैंडेड रेसर एक विषहीन सांप है जो चिकने शल्कों वाला होता है.यह खतरा महसूस होने पर फन दिखाता है, लेकिन केवल पकड़े जाने पर ही काटता है.

कॉमन कुकरी
कॉमन कुकरी एक पूरी तरह से हानिरहित और विषहीन प्रजाति है.यह घबराने पर अपने शरीर को फुला लेता है और अपने नुकीले दाँतों का उपयोग शिकार के लिए करता है.

कॉमन वुल्फ
कॉमन वुल्फ (भारतीय भेड़िया साँप) एक गैर-विषैला सांप है जो अपनी आकर्षक धारियों और चमकदार त्वचा के कारण पहचाना जाता है. यह गांवों और खेतों के आसपास पाया जाता है और चूहों को नियंत्रित करके किसानों के लिए फायदेमंद होता है.

चेकर्ड कीलबैक (जल सांप) एक गैर-विषैला सांप है जो जल निकायों में पाया जाता है और मछली व मेंढकों का शिकार करता है. यह अपने रक्षात्मक व्यवहार के लिए जाना जाता है, जहां खतरा होने पर यह जहरीले सांपों की नकल करता है, लेकिन इंसानों के लिए खतरनाक नहीं होता.

इन सभी सांपों का कोरबा के पर्यावरण में एक महत्वपूर्ण स्थान है. इनका संरक्षण न केवल इन प्रजातियों के लिए बल्कि पूरे पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य और संतुलन के लिए आवश्यक है.

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